हिंदू पंचांग के अनुसार, दीपावली का पर्व कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह दीपों का पावन त्योहार अंधकार पर प्रकाश और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में भारतीय समुदाय इस पांच दिवसीय दीपोत्सव को बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाता है।
दीवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है और इसका समापन भाई दूज के पर्व के साथ होता है। आइए जानते हैं Diwali Calendar 2025 के अनुसार इस साल धनतेरस, छोटी दिवाली, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज की तिथियां और शुभ मुहूर्त।
🪙 धनतेरस 2025 कब है | Dhanteras kab hai 2025
तारीख: शनिवार, 18 अक्टूबर 2025
पूजा मुहूर्त: शाम 7:15 बजे से रात 8:19 बजे तक
प्रदोष काल: शाम 5:48 बजे से रात 8:19 बजे तक
वृषभ काल: शाम 7:15 बजे से रात 9:11 बजे तक
इस दिन भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है ताकि घर में समृद्धि और स्वास्थ्य का वास हो। इस दिन सोना-चांदी, बर्तन या इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है।
🌑 छोटी दिवाली / नरक चतुर्दशी 2025 कब है | Choti Diwali Kab Hai 2025
तारीख: रविवार, 19 अक्टूबर 2025
पूजा मुहूर्त: रात 11:41 बजे से 12:31 बजे तक
छोटी दिवाली को काली चौदस भी कहा जाता है। इस दिन मां काली और भगवान हनुमान की पूजा की जाती है ताकि नकारात्मक ऊर्जा दूर हो और जीवन में सुख-शांति बनी रहे।
🪔 दीपावली 2025 कब है | Diwali Kab Hai 2025
तारीख: सोमवार, 20 अक्टूबर 2025
लक्ष्मी पूजन मुहूर्त: शाम 7:08 बजे से रात 8:18 बजे तक
प्रदोष काल: शाम 5:46 बजे से रात 8:18 बजे तक
वृषभ काल: रात 7:08 बजे से 9:03 बजे तक
दीपावली के दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव की आराधना की जाती है। घरों को दीपों से सजाया जाता है और लक्ष्मी पूजन से धन, वैभव और सुख की प्राप्ति होती है।
🌾 गोवर्धन पूजा 2025 कब है | Govardhan Puja Kab Hai
तारीख: बुधवार, 22 अक्टूबर 2025
सुबह का मुहूर्त: 6:26 बजे से 8:42 बजे तक
सायाह्न मुहूर्त: दोपहर 3:29 बजे से शाम 5:44 बजे तक
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर अन्नकूट का भोग लगाया जाता है। यह दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा और कृष्ण भक्ति के लिए समर्पित है।
👩❤️👨 भाई दूज 2025 कब है | Bhai Dooj Kab Hai
तारीख: गुरुवार, 23 अक्टूबर 2025
अपराह्न मुहूर्त: दोपहर 1:13 बजे से 3:28 बजे तक
भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। इस दिन बहनें भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।