शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा विशेष महत्व रखती है। भक्त इन नौ दिनों में उपवास, पूजन और व्रत के साथ मां को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। इन दिनों बहुत से श्रद्धालु अपने घर या मंदिर में अखंड ज्योत जलाने का संकल्प लेते हैं। यह दीपक नौ दिनों तक लगातार जलता है और मां की कृपा का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
लेकिन कई बार हवा, तेल की कमी या किसी अनजाने कारण से यह दीपक बुझ सकता है। ज्योतिष और धार्मिक दृष्टि से इसे शुभ नहीं माना जाता, परंतु घबराने की आवश्यकता नहीं है। धार्मिक शास्त्रों में ऐसे कुछ उपाय बताए गए हैं जिन्हें अपनाकर आप स्थिति को संभाल सकते हैं और अपशकुन को टाल सकते हैं।
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अगर अखंड ज्योत बुझ जाए तो क्या करें?
- तुरंत दोबारा ज्योत जलाएं – जैसे ही आपको पता चले कि दीपक बुझ गया है, बिना समय गंवाए उसे दोबारा प्रज्वलित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से नकारात्मक प्रभाव कम हो जाता है।
- मां दुर्गा से क्षमा याचना करें – दीपक जलाते समय हाथ जोड़कर माता रानी से भूलवश दीया बुझने के लिए क्षमा मांगे। यह विनम्रता आपकी श्रद्धा को दर्शाता है।
- गंगाजल का छिड़काव करें – जिस स्थान पर दीपक रखा गया था, वहां थोड़ा गंगाजल छिड़क दें। यह स्थान को शुद्ध करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
- मंत्र का जाप करें – दीपक प्रज्वलन के बाद “ॐ दूं दुर्गायै नमः” मंत्र का 11 या 21 बार जाप करें। इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है।
- दीपक की देखभाल करें – दोबारा जलाते समय ध्यान रखें कि उसमें पर्याप्त तेल या घी हो, बाती पूरी तरह भीगी हो और सीधी रखी गई हो।
- दीपक का स्थान सही रखें – अखंड ज्योत को हमेशा गेहूं, चावल या जौ की ढेरी पर रखें, सीधे जमीन पर नहीं।
इन नियमों का पालन करके आप मां दुर्गा की कृपा बनाए रख सकते हैं और अखंड ज्योत का महत्व बनाए रख सकते हैं।