नवरात्रि के व्रत पूरे करने के बाद अष्टमी या नवमी तिथि पर हवन करने की परंपरा है। शास्त्रों में माना गया है कि नवरात्रि हवन से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। साथ ही हवन का धुआं वातावरण को पवित्र बनाता है और मां दुर्गा प्रसन्न होकर भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।
नवरात्रि हवन की तैयारी
- सबसे पहले पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें।
- मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र के सामने हवन कुंड स्थापित करें।
- पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ माना जाता है।
- हवन से पहले संकल्प लें और मां दुर्गा का ध्यान करें।
नवरात्रि हवन की विधि
- हवन कुंड में आम की लकड़ी, समिधा और शुद्ध घी डालकर अग्नि प्रज्वलित करें।
- दुर्गा सप्तशती या दुर्गा मंत्रों का जाप करते हुए आहुति दें।
- हर आहुति के साथ “स्वाहा” कहना अनिवार्य है।
- हवन के अंत में पूर्णाहुति देकर परिवार के साथ मां दुर्गा की आरती करें।
नवरात्रि हवन सामग्री सूची
- हवन कुंड
- आम की लकड़ी या सूखी समिधा
- शुद्ध घी
- हवन सामग्री (गुग्गुल, कपूर, चंदन, जटामांसी, इलायची, लौंग आदि)
- रोली, अक्षत और पुष्प
- कलश और जल
- नारियल, पान, सुपारी
- लाल कपड़ा और मौली
नवरात्रि हवन का महत्व
नवरात्रि में किया गया हवन भक्त और देवी दुर्गा के बीच एक पवित्र सेतु है। यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि आत्मशुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करने का माध्यम भी है। हवन करने से मां दुर्गा की कृपा से जीवन में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहती है।
इस तरह नवरात्रि व्रत के समापन पर किया गया हवन आपके जीवन में आध्यात्मिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और देवी का आशीर्वाद लाता है।