Chandra Grahan 2025 Sutak Time Today: साल खत्म होने में बस कुछ ही महीने बाकी हैं। ऐसे में साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी भाद्रपद पूर्णिमा में लगेगा। इस खग्रास चंद्र ग्रहण की पूरी अवधि 3 घंटे 28 मिनट 2 सेकेंड की होगी. ऐसा कहा जा रहा है कि यह भारत के प्रमुख शहरों में पूर्ण रूप से दिखाई देगा।। हिंदू धर्म में ग्रहण को शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना जाता है और इसके दौरान सूतक काल का पालन किया जाता है। इस दौरान न सिर्फ लोग खगोलीय घटना का आनंद लेते हैं, बल्कि पूजा-पाठ, व्रत और ग्रहण से जुड़ी मान्यताओं का पालन भी करते हैं।
चंद्र ग्रहण और सूतक काल का क्या है सही समय?
दृक पंचांग के अनुसार, चंद्र ग्रहण का उपच्छाया से पहला स्पर्श रात 08:59 बजे होगा। इसके बाद प्रच्छाया से पहला स्पर्श रात 09:58 बजे होगा, जो वास्तविक ग्रहण की शुरुआत मानी जाती है। इसी समय से चंद्रमा पर ग्रहण का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगेगा।

वहीं, सूतक काल चंद्र ग्रहण शुरू होने से लगभग 9 घंटे पहले आरंभ हो जाता है। इसलिए सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू हो जाएगा. इस दौरान पूजा-पाठ, भोजन बनाना, शुभ कार्य करना और नए कार्यों की शुरुआत वर्जित मानी जाती है।
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कितने बजे तक रहेगा चंद्र ग्रहण?
चंद्र ग्रहण देर रात 01:26 बजे समाप्त होगा। इस समय चंद्रमा प्रच्छाया से बाहर निकल जाएगा और ग्रहण की मुख्य अवधि समाप्त हो जाएगी। इसके बाद भी उपच्छाया का प्रभाव कुछ समय तक रहेगा। उपच्छाया के कारण इसका हल्का असर सुबह 02:24 बजे तक बना रहेगा।

सूतक काल में बिल्कुल न करें ये चीजें-
- सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है।
- इस दौरान भोजन न बनाना चाहिए और न ही उसका ग्रहण करना चाहिए।
- सूतक काल में स्नान न करें।
- किसी को दान देने से बचें।
- पूजा-पाठ और मूर्तियों को स्पर्श न करें।