शरद पूर्णिमा 2023: विशेष महत्व और खीर रखने का शुभ मुहूर्त
प्रत्येक वर्ष हिन्दू कैलेंडर के अनुसार **अश्विन** मास की पूर्णिमा को **शरद पूर्णिमा** का पर्व मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन चंद्रमा से **अमृत** की वर्षा होती है। इस परंपरा के तहत, भक्तगण रात भर खीर को खुले आसमान में रखते हैं, जिससे चंद्रमा की किरणों से खीर अमृत के समान हो जाती है। इस वर्ष, शरद पूर्णिमा का पर्व **6 अक्टूबर** को मनाया जाएगा, जो कि **सोमवार** के दिन पड़ रहा है। यह विशेष संयोग इस दिन व्रत रखने वालों के लिए विशेष लाभकारी माना जाता है।
खीर रखने का शुभ मुहूर्त
शरद पूर्णिमा की रात **12 बजकर 23 मिनट** से **7 अक्टूबर** की सुबह **9 बजकर 16 मिनट** तक रहेगी। इस दौरान खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखने का शुभ समय **रात 10 बजकर 53 मिनट** से प्रारंभ होगा। चंद्रमा 6 अक्टूबर की शाम **5 बजकर 27 मिनट** पर उदित होगा। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, यही वह समय है जब **भद्रा** खत्म होती है और खीर को बालकनी या छत पर रखा जा सकता है। इस दिन चंद्रमा की शक्तियाँ अपने चरम पर होती हैं, विशेषकर जब यह सोमवार के दिन हो।
चंद्रमा की शक्तियों का प्रभाव
चंद्रमा की शक्तियाँ हर महीने **15-15 दिन** के लिए बदलती हैं। **कृष्ण पक्ष** में चंद्रमा की चमक कम होने लगती है, जबकि **शुक्ल पक्ष** में उसकी ऊर्जा और खूबसूरती अपने उच्चतम स्तर पर होती है। इस दिन चंद्रमा की रोशनी में रखी गई खीर को अगले दिन सुबह खाना शुभ माना जाता है। इसलिए, आप **7 अक्टूबर** की सुबह खीर का सेवन कर सकते हैं, जिससे चंद्रमा की कृपा प्राप्त होगी।