भद्रा काल या साया को अशुभ माना है। इस दौरान कोई भी मंगल कार्य नहीं किए जाते हैं। आइए इस लेख में जानें कि भद्रा क्या और इसे अशुभ क्यों माना गया है।
Author: asthahindi
Ekadashi September 2025: कब है इंदिरा एकादशी 17 या 18 September ? तिथियां, महत्व और उपवास अनुष्ठान की जानकारी
एकादशी चंद्रमा के ग्यारहवें दिन (तिथि) को कहा जाता है जो हर माह में चंद्रमा के … Ekadashi September 2025: कब है इंदिरा एकादशी 17 या 18 September ? तिथियां, महत्व और उपवास अनुष्ठान की जानकारीRead more
ज्योतिष के अनुसार क्या है नक्षत्रों का महत्व, जानिए 27 नक्षत्रों के गुण
जन्म के समय चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है, उसे जन्म नक्षत्र कहा जाता है और … ज्योतिष के अनुसार क्या है नक्षत्रों का महत्व, जानिए 27 नक्षत्रों के गुणRead more
आपको पता है कृष्ण और शुक्ल पक्ष में क्या होता है अंतर?
आपको पता है कि हिंदू पंचांग के अनुसार महीनों की गणना सूर्य और चंद्रमा की गति के आधार पर की जाती है। हर महीने को दो हिस्सों में बांटा जाता है। आइए इस लेख में इस गणना के बारे में विस्तार से जानें।
क्या होता है शुभ और अशुभ मुहूर्त? कैसे की जाती है मुहूर्त की गणना
Shubh Ashubh Muhurat: जब भी कोई बड़ा कार्य किया जाता है, तो उससे पहले मुहूर्त जरूर देखा जाता है। सही मुहूर्त पर किए गए कार्य सफलता प्रदान करते हैं, लेकिन सही मुहूर्त कैसे देखा जाता है, आइए जानें।
राहुकाल क्या होता है और क्यों इसे माना जाता है अशुभ?
राहुकाल दिन का एक विशेष समय है, जो लगभग 1.5 घंटे का होता है और हर दिन बदलता रहता है। ज्योतिष में इसे अशुभ माना जाता है और इस दौरान किसी भी नए कार्य, निवेश या यात्रा की शुरुआत से बचने की सलाह दी जाती है। हालांकि, पूजा-पाठ और आध्यात्मिक कार्य इस समय किए जा सकते हैं।
क्या है पंचांग जिसे देखे बिना शुरू नहीं होता दिन? जानें इसे पढ़ने और समझने का तरीका
पंचांग हिंदू कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण की जानकारी होती है। इसे देखकर ही ज्यादातर लोग शुभ-अशुभ कार्यों का निर्णय लेते हैं। चाहे व्रत-त्योहार हों, विवाह-मुहूर्त हो या यात्रा का समय तय करना हो, पंचांग हमारे जीवन में सही समय का मार्गदर्शन करता है। पंचांग पढ़ने के लिए इसके पांच प्रमुख अंगों को समझना जरूरी है। साथ ही, पंचक काल में कुछ खास कार्य करने से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
दैनिक पंचांग – 8 सितंबर 2025, सोमवार
8 सितंबर 2025, सोमवार को पंचांग के अनुसार यह तिथि भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा है। इस दिन का नक्षत्र रेवती है, जो आध्यात्मिकता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। चंद्रमा मीन…
Chandra Grahan 2025 Timing: आज दिखेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानें सूतक काल की टाइमिंग
Chandra Grahan 2025 Time Today: आज पितृ पक्ष का पहला दिन है और आज भाद्रपद पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण भी लगेगा, जो भारत में दिखेगा। इसे साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कहा जा रहा है। आइए जानते हैं कि सूतक काल कितने बजे से कितने बजे तक दिखेगा।
Pitru Paksha 2025: श्राद्ध की तिथि का ऐसे लगाएं पता, जानें अज्ञात तिथि में कैसे करना चाहिए तर्पण
पंचांग के अनुसार चंद्र कैलेंडर की तारीख, जैसे द्वितीया, तृतीया, सप्तमी को पितरों का देहांत हुआ हो, उसी तिथि को प्रतिवर्ष पितृ पक्ष में उनका श्राद्ध किया जाता है। ध्यान रहे कि यह हिंदू चंद्र पंचांग की तिथि होती है, न कि अंग्रेजी कैलेंडर की।