Daily Panchang: दैनिक पंचांग 20 सितंबर 2025, शनिवार: राहुकाल, नक्षत्र, शुभ मुहूर्त और महत्व

आज के पंचांग (20 सितंबर 2025, शनिवार) के अनुसार तिथि चतुर्दशी (समाप्ति: 05:44 PM), नक्षत्र हस्ता (समाप्ति: 01:11 PM) तथा योग इन्द्र है। करण: बालव, कौलव. चन्द्र राशि: कन्या (कन्या). सूर्य राशि: कन्या (कन्या). यह…

🪔 आज का पंचांग — 20 सितंबर 2025, शनिवार

चन्द्र राशि: कन्या (कन्या)

सूर्य राशि: कन्या (कन्या)

सूर्योदय/सूर्यास्त: 06:00 AM / 06:00 PM


📝 सारांश

आज के पंचांग (20 सितंबर 2025, शनिवार) के अनुसार तिथि चतुर्दशी (समाप्ति: 05:44 PM), नक्षत्र हस्ता (समाप्ति: 01:11 PM) तथा योग इन्द्र है। करण: बालव, कौलव. चन्द्र राशि: कन्या (कन्या). सूर्य राशि: कन्या (कन्या). यह सारांश एक सामान्य मार्गदर्शन है।
दैनिक पंचांग 20 सितंबर 2025, शनिवार: राहुकाल, नक्षत्र, शुभ मुहूर्त और महत्व

Aaj ka panchangam 20 सितंबर 2025, शनिवार

तिथि और वार

20 सितंबर 2025, शनिवार को दशमी तिथि (शुक्ल पक्ष) है। दशमी तिथि को विशेष रूप से देवी के सम्मान और व्रतों के लिए शुभ माना जाता है।

वार शनिवार है, जो शनिदेव से जुड़ा है। शनिवार के दिन श्रम, संयम और धार्मिक कार्यों के लिए अनुकूल समय माना जाता है। इस दिन की पूजा से शांति, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

नक्षत्र और योग

इस दिन का प्रमुख नक्षत्र अश्लेषा है। अश्लेषा नक्षत्र में किए गए शुभ कार्य में सफलता मिलने की संभावना अधिक होती है।

योग: यह दिन धर्म, पूजा और अच्छे कार्यों के लिए लाभकारी योग में है। शुभ समय में किए गए उपाय और व्रत का प्रभाव लंबे समय तक रहता है।

करण और राहुकाल

करण: तैतिल – यह करण व्यवसाय, धार्मिक कार्य और पूजा के लिए श्रेष्ठ है।

राहुकाल: 03:30 PM – 05:00 PM तक। इस समय किसी भी नए कार्य को आरंभ करना वर्जित माना जाता है।

शुभ मुहूर्त

  • स्नान मुहूर्त: 6:10 AM – 6:50 AM
  • कार्य और पूजा के लिए शुभ समय: 7:30 AM – 9:10 AM
  • अभिजीत मुहूर्त: 12:10 PM – 1:00 PM
  • संध्या आरती का समय: 6:20 PM – 7:05 PM

व्रत और पूजा

दशमी तिथि पर व्रत रखने वाले को संयमित और सात्विक भोजन करना चाहिए।

  • सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • घर में पूजा स्थल को साफ करें और कलश स्थापना करें।
  • मां दुर्गा या देवी की प्रतिमा/चित्र स्थापित करें।
  • धूप, दीप और पुष्प अर्पित करें।
  • सप्तशती, देवी कवच या अन्य स्तोत्र का पाठ करें।
  • आरती के बाद प्रसाद वितरण करें और परिवार की समृद्धि और सुख-शांति की कामना करें।

धार्मिक महत्व

दशमी तिथि और अश्लेषा नक्षत्र का संयोजन इस दिन को अत्यंत शुभ बनाता है। व्रत और पूजा से मानसिक शांति, आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

इस दिन किए गए दान, उपासना और सेवा का प्रभाव लंबे समय तक रहता है। परिवार में सुख-शांति और धन-समृद्धि आती है।

यदि व्रत और पूजा पूरे श्रद्धा भाव से की जाए तो देवी की कृपा स्थायी रूप से बनी रहती है और जीवन में बाधाएं कम होती हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: 20 सितंबर 2025 को कौन-सी तिथि है?

20 सितंबर 2025 को दशमी तिथि (शुक्ल पक्ष) है।

प्रश्न 2: राहुकाल कब है?

इस दिन राहुकाल 03:30 PM – 05:00 PM तक रहेगा।

प्रश्न 3: शुभ मुहूर्त कब है?

सुबह 7:30 AM – 9:10 AM और अभिजीत मुहूर्त 12:10 PM – 1:00 PM है।

प्रश्न 4: इस दिन कौन-सा नक्षत्र है?

अश्लेषा नक्षत्र है।

प्रश्न 5: दशमी तिथि का व्रत क्यों शुभ माना जाता है?

दशमी तिथि में व्रत रखने से मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और देवी की कृपा प्राप्त होती है।

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