🪔 आज का पंचांग — 19 सितंबर 2025, शुक्रवार
तिथि: त्रयोदशी (समाप्ति: 05:43 PM)
नक्षत्र: उत्तर फाल्गुनी (समाप्ति: 12:03 PM)
योग: ब्रह्म (समाप्ति: TBD)
करण: बालव, कौलव
चन्द्र राशि: सिम्हा (लियो)
सूर्य राशि: कन्या (कन्या)
सूर्योदय/सूर्यास्त: 06:00 AM / 06:00 PM
📝 सारांश
तिथि और वार
19 सितंबर 2025, शुक्रवार को नवमी तिथि (शुक्ल पक्ष) है। नवमी तिथि को विशेष रूप से देवी की उपासना और व्रतों के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहना चाहिए।
वार शुक्रवार है, जो शुकदेव ग्रह से जुड़ा है। शुक्रवार का दिन स्त्रियों के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन देवी लक्ष्मी और मां दुर्गा की पूजा से समृद्धि और सुख-शांति प्राप्त होती है।
नक्षत्र और योग
इस दिन का प्रमुख नक्षत्र पुष्य है। पुष्य नक्षत्र को शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। यह नक्षत्र शिक्षा, संपत्ति और विवाह के लिए अनुकूल है।
योग: शुभ योग है, जो धार्मिक कार्य, पूजा और नए कार्य की शुरुआत के लिए श्रेष्ठ समय प्रदान करता है। इस योग में किए गए कार्य लंबी अवधि तक सफल रहते हैं।
करण और राहुकाल
करण: बालव – यह करण सुख, शांति और धार्मिक कार्यों के लिए उत्तम होता है।
राहुकाल: सुबह 10:30 AM से 12:00 PM तक। इस समय नए कार्य या यात्रा शुरू करना वर्जित माना जाता है।
शुभ मुहूर्त
- स्नान मुहूर्त: 6:05 AM – 7:00 AM
- कार्य और पूजा के लिए शुभ समय: 7:30 AM – 9:00 AM
- अभिजीत मुहूर्त: 12:05 PM – 12:55 PM
- संध्या आरती का समय: 6:15 PM – 7:00 PM
व्रत और पूजा
नवमी तिथि के दिन व्रत रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन उपवास रखने वाले लोग सुबह से निर्जल या फलाहारी भोजन करते हैं और पूरे दिन देवी की उपासना में लीन रहते हैं।
पूजा विधि:
- सुबह स्नान कर साफ वस्त्र पहनें।
- घर में पूजा स्थल को साफ करें और कलश स्थापना करें।
- मां दुर्गा या देवी की प्रतिमा/चित्र स्थापित करें।
- धूप, दीप और फूल अर्पित करें।
- दुर्गा सप्तशती, देवी कवच या अन्य स्तोत्र का पाठ करें।
- आरती के बाद प्रसाद वितरण करें और अपने परिवार की खुशहाली की कामना करें।
धार्मिक महत्व
नवमी तिथि विशेष रूप से शक्ति की देवी के लिए समर्पित है। इस दिन किए गए व्रत और पूजा से मानसिक शांति, आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
पुष्य नक्षत्र और शुभ योग के कारण इस दिन किए गए धार्मिक कार्य फलदायी होते हैं। परिवार में सुख-शांति, धन-समृद्धि और स्वास्थ्य की वृद्धि होती है।
इस दिन व्रत रखने से पापों का नाश होता है और जीवन में आनंद और संतोष प्राप्त होता है। नवमी के दिन किए गए दान, उपासना और सेवा से देवी की कृपा स्थायी रूप से बनी रहती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
19 सितंबर 2025 को नवमी तिथि (शुक्ल पक्ष) है।
इस दिन राहुकाल सुबह 10:30 बजे से 12:00 बजे तक रहेगा।
सुबह 7:30 AM – 9:00 AM और अभिजीत मुहूर्त 12:05 PM – 12:55 PM है।
पुष्य नक्षत्र है।
नवमी तिथि में व्रत रखने से मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और देवी की कृपा प्राप्त होती है।