शरद पूर्णिमा 2025: इन 5 बातों से रहें दूर
हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का त्योहार विशेष महत्व रखता है। यह पर्व अश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन की पूजा से चंद्रदेव प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। इस वर्ष शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर को सोमवार के दिन आ रही है, जिससे चंद्रमा की शक्तियां और भी बढ़ जाएंगी। इस दिन व्रत रखने से भक्तों को खास लाभ मिल सकता है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
शरद पूर्णिमा के दिन कुछ गलतियों से बचना चाहिए, क्योंकि इससे नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इस लेख में हम उन पांच चीजों का उल्लेख करेंगे, जिन्हें इस दिन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
लड़ाई-झगड़ों से बचें
शरद पूर्णिमा के दिन घर में किसी भी प्रकार की बहस या झगड़ा करने से बचना चाहिए। इस दिन गृह-क्लेश होने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं, जिससे भविष्य में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, घर में शांति बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
ना करें ऐसा भोजन
इस दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। विशेष रूप से, लहसुन और प्याज का उपयोग नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, अधिक मसालेदार और मांस-मदिरा का सेवन भी वर्जित है। शरद पूर्णिमा पर साधारण और पवित्र भोजन करना शुभ माना जाता है।
इस चीज के लेनदेन से बचें
शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाने के लिए दूध का उपयोग किया जाता है। लेकिन इस दिन दूध का लेन-देन नहीं करना चाहिए। अगर आपको दूध की आवश्यकता है, तो इसे एक दिन पहले से ही खरीदकर घर में रख लें। दूध बेचने या खरीदने से चंद्रमा की स्थिति कमजोर हो सकती है, जिससे व्यक्ति की कुंडली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
विवाहित महिलाओं का करें सम्मान
इस दिन विवाहित महिलाओं का सम्मान करना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आपके घर में कोई विवाहित महिला आती है, तो उन्हें कुछ उपहार अवश्य दें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और इससे घर में सुख-शांति और धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
इस समय ना करें कोई दान
यदि आप शरद पूर्णिमा के दिन दान करने का विचार कर रहे हैं, तो सुबह का समय सबसे उपयुक्त है। शाम के समय दान करने से आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, इस दिन दान करने का समय सही से चुनें।
निष्कर्ष
शरद पूर्णिमा का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और पारिवारिक संबंधों को भी मजबूती प्रदान करता है। इस दिन की गई पूजा और व्रत से व्यक्ति को चंद्रमा की कृपा प्राप्त होती है। इसलिए, उपरोक्त बातों का ध्यान रखते हुए इस पर्व को मनाना चाहिए ताकि आप इस दिन का अधिकतम लाभ उठा सकें।