Navratri Day 3 – मां चंद्रघंटा पूजा तिथि, शुभ मुहूर्त , व्रत -कथा पूजा व महत्व

शारदीय नवरात्रि दिन 3 (24 सितंबर 2025) तिथि, पूजा विधि, कथा व महत्व

तीसरे दिन की तिथि व शुभ मुहूर्त

शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा को समर्पित है। यह दिन 24 सितंबर 2025, बुधवार को मनाया जाएगा।

  • तिथि: शारदीय नवरात्रि दिवस 3
  • तारीख: 24 सितंबर 2025
  • दिन: बुधवार
  • पूजन मुहूर्त: प्रातः 6:10 AM से 8:45 AM

मां चंद्रघंटा का स्वरूप

मां चंद्रघंटा का स्वरूप बेहद दिव्य और शांत है। उनके माथे पर अर्धचंद्र विराजमान है, जिसके कारण उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। देवी के दस हाथ हैं, जिनमें विभिन्न अस्त्र-शस्त्र धारण किए हुए हैं और वे सिंह पर सवार रहती हैं। उनका यह रूप साधक को निर्भय बनाता है और जीवन से भय दूर करता है।

मां चंद्रघंटा के शरीर से दिव्य आभा निकलती है जो साधक को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है। उनका घंटानाद नकारात्मक शक्तियों का नाश करता है और वातावरण को पवित्र बनाता है।

मां चंद्रघंटा की पूजा विधि

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा विशेष विधि से करनी चाहिए:

  • प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और घर के पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें।
  • कलश स्थापना करें और मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप का ध्यान करें।
  • मां चंद्रघंटा को लाल फूल, अक्षत, चंदन, बेलपत्र, धूप-दीप अर्पित करें।
  • मां के मंत्र “ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः” का कम से कम 108 बार जप करें।
  • चंद्रघंटा स्तोत्र का पाठ करें और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करें।

मां चंद्रघंटा की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, जब राक्षस महिषासुर का आतंक बढ़ा तो देवताओं ने देवी दुर्गा का आवाहन किया। मां ने चंद्रमा के समान तेजस्वी स्वरूप धारण किया और माथे पर अर्धचंद्र धारण किया। उनके हाथों में अस्त्र-शस्त्र थे और उन्होंने सिंह पर सवार होकर राक्षसों का संहार किया।

इस दिन मां का यह रूप साधक को बताता है कि जीवन में साहस और संयम से हर कठिनाई का सामना किया जा सकता है।

महत्व और लाभ

मां चंद्रघंटा की पूजा से जीवन में शांति, धैर्य और आत्मविश्वास का संचार होता है। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो मानसिक तनाव, भय या शत्रु बाधाओं से परेशान हैं। मां का यह रूप साधक को नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है और सुख-समृद्धि प्रदान करता है।

जो साधक पूरे श्रद्धा भाव से मां चंद्रघंटा का व्रत और पूजन करते हैं, उनके जीवन से सभी प्रकार की विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं और उन्हें साहस और आत्मबल प्राप्त होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: तीसरे दिन किस देवी की पूजा होती है?

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है।

प्रश्न 2: मां चंद्रघंटा की पूजा में क्या अर्पित करें?

लाल फूल, चंदन, धूप, दीप, अक्षत और सिंदूर अर्पित करें।

प्रश्न 3: इस दिन व्रत रखने का क्या लाभ है?

यह व्रत साधक को निर्भय बनाता है, मानसिक शांति प्रदान करता है और आत्मबल बढ़ाता है।

प्रश्न 4: मां चंद्रघंटा का वाहन क्या है?

मां चंद्रघंटा सिंह पर सवार रहती हैं, जो साहस और शक्ति का प्रतीक है।