Masik Shivratri 2025 September 20, 2025 तिथि, समय, व्रत, कथा-पूजा व महत्व

मासिक शिवरात्रि 2025: तिथि, समय, पूजा विधि, व्रत कथा और महत्व

मासिक शिवरात्रि 20 सितम्बर 2025: तिथि, समय, पूजा विधि, व्रत कथा और महत्व

मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। यह भगवान शिव को समर्पित विशेष व्रत है। इस दिन श्रद्धालु शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद और बेलपत्र चढ़ाते हैं। रात्रि जागरण कर शिव मंत्रों का जप करते हैं। मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

मासिक शिवरात्रि 2025 तिथि और समय

  • तिथि: शनिवार, 20 सितम्बर 2025
  • प्रारंभ समय: सुबह 06:00 बजे से
  • निशिता काल (पूजा समय): मध्यरात्रि का समय, लगभग 12 बजे
  • व्रत समाप्ति: अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण करें

मासिक शिवरात्रि व्रत का महत्व

मासिक शिवरात्रि व्रत विशेष रूप से पापों के नाश, संतान सुख, वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और समृद्धि के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए इस दिन व्रत करना और रात्रि जागरण करना शुभ माना जाता है।

पूजा विधि

शिवरात्रि के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। संकल्प लेने के बाद दिनभर फलाहार करें। रात्रि में शिवलिंग पर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से अभिषेक करें। बेलपत्र, अक्षत, चंदन और पुष्प अर्पित करें। दीपक जलाएं और शिव मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का जप करें। शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

मासिक शिवरात्रि कथा

एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार चंद्रमा ने मासिक शिवरात्रि की रात शिवलिंग पर पूजा की और पूरे दिन-रात जागरण किया। भगवान शिव उसकी भक्ति से प्रसन्न हुए और उसके पाप समाप्त हो गए। तभी से मासिक शिवरात्रि का व्रत अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है।

मासिक शिवरात्रि व्रत नियम

  • दिनभर फलाहार या निर्जल व्रत रखें।
  • रात्रि के समय शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करें।
  • शिव मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का जप करें और पूरी रात जागरण करें।
  • अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें।
  • जरूरतमंदों को दान और भोजन कराना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।

मासिक शिवरात्रि FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

मासिक शिवरात्रि 2025 कब है?

मासिक शिवरात्रि 2025 शनिवार, 20 सितम्बर को मनाई जाएगी।

मासिक शिवरात्रि की पूजा कब करनी चाहिए?

पूजा का श्रेष्ठ समय मध्यरात्रि का है। इस समय शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है।

क्या मासिक शिवरात्रि का व्रत स्त्रियां भी कर सकती हैं?

हाँ, यह व्रत स्त्री-पुरुष दोनों कर सकते हैं। यह व्रत संतान सुख और वैवाहिक जीवन की सुख-शांति के लिए अत्यंत फलदायी है।

मासिक शिवरात्रि व्रत के लाभ क्या हैं?

इस व्रत से पापों का नाश होता है, मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

मासिक शिवरात्रि व्रत कैसे करें?

दिनभर फलाहार रखें, संध्या समय स्नान करके शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करें, रात भर जागरण करें और शिव मंत्र का जप करें। अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण करें।