Masik Durgashtami 2025: तिथि, समय, व्रत, कथा-पूजा व महत्व
मासिक दुर्गाष्टमी हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन माता दुर्गा के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। 2025 में यह पर्व 30 सितंबर 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन माँ दुर्गा की आराधना करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि का वास होता है।
Table of Contents
मासिक दुर्गाष्टमी 2025 तिथि और समय
- तिथि आरंभ: 30 सितंबर 2025, सुबह 09:12 AM
- तिथि समाप्त: 01 अक्टूबर 2025, सुबह 07:45 AM
- पूजा का श्रेष्ठ समय: सुबह 9:30 AM से दोपहर 12:00 PM तक
पूजा विधि
इस दिन प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। घर के मंदिर को साफ करें और माँ दुर्गा की प्रतिमा या चित्र को लाल वस्त्र पर स्थापित करें। रोली, अक्षत, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य से माता की पूजा करें। दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। दिनभर उपवास रखें और शाम को माँ दुर्गा की आरती करके व्रत का समापन करें।
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, राक्षस महिषासुर ने देवताओं को पराजित कर त्रिलोक पर कब्जा कर लिया था। तब सभी देवताओं की संयुक्त शक्तियों से माता दुर्गा का प्राकट्य हुआ। माँ दुर्गा ने नौ दिनों तक महिषासुर से युद्ध कर अंततः अष्टमी के दिन उसका वध कर दिया। तभी से अष्टमी तिथि को माता की विशेष पूजा का महत्व है।
मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व
मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और मानसिक शांति मिलती है। यह दिन साधना और मंत्र जप के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। जो लोग संतान सुख की इच्छा रखते हैं या जीवन में आ रही बाधाओं को दूर करना चाहते हैं, उनके लिए यह व्रत विशेष फलदायी है।
क्या करें और क्या न करें
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और लाल या पीले वस्त्र पहनें।
- माँ दुर्गा को लाल फूल और सुहाग सामग्री चढ़ाएं।
- मांसाहार और नशे का सेवन न करें।
- जरूरतमंदों को भोजन कराएं और दान करें।
FAQ – मासिक दुर्गाष्टमी 2025
मासिक दुर्गाष्टमी 2025 कब है?
मासिक दुर्गाष्टमी 30 सितंबर 2025, मंगलवार को है।
मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व क्या है?
यह दिन देवी दुर्गा की उपासना के लिए श्रेष्ठ है और जीवन की नकारात्मकता को समाप्त करने में सहायक है।
इस दिन क्या करना चाहिए?
माँ दुर्गा का पूजन, दुर्गा सप्तशती पाठ और उपवास करना चाहिए।