Papankusha Ekadashi 2025: 02 या 03 अक्टूबर,कब है पापांकुशा एकादशी? जानें सही समय, व्रत कथा

Papankusha Ekadashi 2025: 02 या 03 अक्टूबर,कब है पापांकुशा एकादशी? जानें सही समय, व्रत कथा

पापांकुशा एकादशी की तिथि और समय

पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आती है। यह व्रत विशेष रूप से पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए रखा जाता है।

  • तिथि प्रारंभ: 2 अक्टूबर 2025, रात 09:40 बजे
  • तिथि समाप्त: 3 अक्टूबर 2025, रात 07:55 बजे
  • पारण का समय: 4 अक्टूबर 2025, सुबह 06:20 से 08:30 बजे तक

पापांकुशा एकादशी का महत्व

पापांकुशा एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है। धर्मग्रंथों में कहा गया है कि इस व्रत का फल हजार अश्वमेध यज्ञों और सैकड़ों राजसूय यज्ञों के बराबर होता है।

व्रत का महत्व इतना है कि यह मनुष्य को मृत्यु के भय से मुक्त कर देता है और उसे विष्णुलोक की प्राप्ति होती है। यह व्रत पितरों की मुक्ति और उनके मोक्ष के लिए भी अत्यंत फलदायी माना गया है।

व्रत नियम

पापांकुशा एकादशी का व्रत करने वाले को कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए:

  • व्रत की शुरुआत दशमी तिथि से ही सात्विक भोजन लेकर करें।
  • एकादशी के दिन व्रत रखें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • मांसाहार, प्याज-लहसुन और नशे का सेवन न करें।
  • भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और भक्ति में मन लगाएं।

पूजा विधि

इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है।

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थल को साफ करें और भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • पीली वस्त्र, तुलसी पत्र, धूप-दीप, पुष्प और नैवेद्य अर्पित करें।
  • विष्णु सहस्त्रनाम, विष्णु चालीसा या गीता के श्लोकों का पाठ करें।
  • दिनभर भक्ति और जप में समय बिताएं।

पापांकुशा एकादशी कथा

धर्मग्रंथों में वर्णित कथा के अनुसार, एक समय विंध्याचल पर्वत पर एक महापापी व्यक्ति रहता था। उसने अपने जीवन में अनेक पाप किए थे। मृत्यु के समय यमदूत उसे लेने आए। वह व्यक्ति भयभीत हो गया और ऋषि अंगिरा के पास जाकर शरण मांगी।

ऋषि अंगिरा ने उसे पापांकुशा एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। उस व्यक्ति ने श्रद्धापूर्वक व्रत किया, जिससे उसके सारे पाप नष्ट हो गए और मृत्यु के पश्चात उसे विष्णुलोक की प्राप्ति हुई।

पापांकुशा एकादशी व्रत के लाभ

  • सभी पापों का नाश होता है।
  • पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
  • जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
  • मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।

FAQ – पापांकुशा एकादशी 2025

पापांकुशा एकादशी 2025 कब है?

पापांकुशा एकादशी 2025, 3 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

पारण का समय कब है?

पारण का समय 4 अक्टूबर 2025 को प्रातः 06:20 से 08:30 बजे तक है।

इस व्रत का महत्व क्या है?

यह व्रत पापों से मुक्ति और विष्णुलोक की प्राप्ति के लिए सर्वोत्तम माना गया है।