शरद पूर्णिमा 2025 कब है: शरद पूर्णिमा का त्योहार आज मनाया जाएगा
आज शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा, जो भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पर्व विशेष रूप से चंद्रमा की शीतलता और उसकी अमृत समान किरणों के प्रभाव के लिए जाना जाता है। इस दिन चंद्रमा की किरणें पृथ्वी पर गिरती हैं, जिससे वातावरण में शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ज्योतिषाचार्य भारत ज्ञान भूषण के अनुसार, इस साल शरद पूर्णिमा का पर्व द्वियोगी सोमवारी पूर्णिमा के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन विशेष रूप से वृद्धि योग, विष योग और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का संयोग बन रहा है।
शरद पूर्णिमा पर रात में कब है खास मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य रुचि कपूर के अनुसार, इस साल शरद पूर्णिमा की तिथि आश्विन माह की पूर्णिमा को है। पूर्णिमा का आरंभ 6 अक्टूबर को दोपहर 12:23 बजे होगा और यह 7 अक्टूबर सुबह 9:16 बजे तक चलेगा। चंद्रमा की पूजा और दर्शन का समय भी इसी दिन निर्धारित है। इस दिन की एक खास परंपरा है, जिसमें रात को चंद्रमा की अमृत जैसी रोशनी में खीर रखी जाती है, जिसे अगले दिन खाकर स्वास्थ्य और सौभाग्य की कामना की जाती है।
इस विशेष रात में 11:30 बजे से 12:30 बजे तक विशेष योग का समय रहेगा। इस दौरान श्रद्धालुओं को आकाश की ओर मुख करके ऊँ सोम सोमाय नमः, ऊँ गुरवे नमः, ऊँ इंद्राय नमः, ऊँ श्री महालक्ष्म्यै नमः का जाप करना शुभ माना जाता है। चंद्रमा इस दिन मीन राशि में रहेगा, जिससे मान्यता है कि चंद्रमा से पावन अमृत बरसता है। इसलिए लोग खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखते हैं।
इस दिन सुबह स्नान करके भगवान विष्णु, भगवान कृष्ण या अपने इष्ट देव का पूजन अर्चना करना चाहिए और उपवास रखना चाहिए। यह त्योहार विशेष रूप से धन और समृद्धि की कामना के लिए मनाया जाता है।
शरद पूर्णिमा का खास मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: 04 बजकर 39 मिनट से 05 बजकर 28 मिनट तक
- लाभ-उन्नति मुहूर्त: 10 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 09 मिनट तक
- अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 12 बजकर 09 मिनट से 01 बजकर 37 मिनट तक