Shardiya Navratri 2025 Date: शारदीय नवरात्रि 2025 सोमवार, 22 सितंबर से गुरुवार, 2 अक्टूबर तक मनाया जाएगा, जो विजयदशमी (दशहरा) के साथ समाप्त होगा। यह नौ दिन का त्योहार देवी दुर्गा और उसके नौ दिव्य स्वरूपों को समर्पित है, जो अच्छे के विजय का प्रतीक है।

शारदीय नवरात्रि 2025 सोमवार, 22 सितंबर से गुरुवार, 2 अक्टूबर तक मनाया जाएगा, जो विजयदशमी (दशहरा) के साथ समाप्त होगा। यह नौ दिन का त्योहार देवी दुर्गा और उसके नौ दिव्य स्वरूपों को समर्पित है, जो अच्छे के विजय का प्रतीक है।
घटस्थापना और पूजा अनुष्ठान
- त्योहार 22 सितंबर, 2025 को घटस्थापना के साथ शुरू होगा। एक पवित्र पात्र (कलश) को घर में साफ जगह पर रखा जाता है, जो देवी की उपस्थिति का प्रतीक है।
- परिवार एक दीपक जलाता है, फूल, पानी, फल और प्रसाद चढ़ाता है, और एक साधारण चौकी सजाता है।
- स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि के लिए देवी दुर्गा की आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए रोज पूजा, मंत्रजाप और भजन किया जाता है।
नवरात्रि के दौरान उपवास नियम
- कई भक्त फल, दूध, और व्रत-सामयिक अनाज जैसे सिंघाड़ा, कुट्टू, और साबूदाना खाकर नवरात्रि उपवास का पालन करते हैं।
- उपवास की प्रथाएँ परिवार से परिवार भिन्न हो सकती हैं—कुछ सख्त उपवास का पालन करते हैं, जबकि अन्य हल्के सात्विक भोजन करते हैं।
- पूरा उपवास रखने वालों के लिए पानी पीना और आराम करना सिफारिश किया जाता है।
भारत में उत्सव का जश्न
- गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में नवरात्रि की रातें जीवंत गरबा और डांडिया रास लोक नृत्यों से चिह्नित होती हैं।
- स्कूल, मंदिर, और समुदाय समूह नाटक, ड्रामा, और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं जो दशहरा पर समाप्त होते हैं।
- विशेष दिनों पर, कन्या पूजा की अभिषेक किया जाता है, जहां युवा लड़कियों को भोजन, उपहार, और आशीर्वाद से सम्मानित किया जाता है।
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सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व
- नौ दिनों का हर एक दिन एक देवी दुर्गा के एक स्वरूप को समर्पित है।
- परिवार उपकरण, पुस्तकें, और काम-संबंधित वस्तुएं भी पूजन करते हैं, जो आने वाले वर्ष में सफलता और समृद्धि का प्रतीक है।
- नवरात्रि की सार है भक्ति, अनुशासन, और सेवा—एक दीपक जलाना, घर में शुद्धता बनाए रखना, गरीबों को भोजन करना, और बच्चों को पारंपरिक गानों और मूल्यों का शिक्षण देना।
घर पर नवरात्रि कैसे मनाएं
- अपने नवरात्रि अल्टार के लिए एक साफ, शांत स्थान चुनें।
- घटस्थापना दिन पर कलश (पात्र) को पानी, फूल, चावल, और एक दिया (दीपक) के साथ रखें।
- रोज प्रसाद चढ़ाएं, हर शाम एक छोटा दीपक जलाएं, और दुर्गा के मंत्र या धार्मिक ग्रंथों से कहानियाँ पढ़ें।
- सामूहिक आशीर्वाद के लिए समुदायिक पूजा या मंदिर अनुष्ठान में भाग लें।
शारदीय नवरात्रि 2025 केवल पूजन का समय नहीं है, बल्कि खुशियों, सांस्कृतिक एकता, और नवीनीकरण का समय है। नौ दिन आपके घर में शांति, समृद्धि, और खुशियां लाएं।