मान्यता है कि अखंड ज्योति जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और देवी मां की कृपा बनी रहती है। लेकिन इस दौरान कुछ विशेष नियमों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है, तभी अखंड दीपक का शुभ फल प्राप्त होता है।
नवरात्रि का पर्व केवल उपवास और पूजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मां दुर्गा के प्रति आस्था और श्रद्धा को समर्पित अवसर है। इस दौरान घर-घर में अखंड ज्योति प्रज्वलित की जाती है, जिसे देवी की अनंत शक्ति और कृपा का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि अखंड दीपक जलाने से परिवार में समृद्धि, स्वास्थ्य और सुख-शांति का वास होता है। लेकिन इसके लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। आइए जानते हैं वे नियम-
अखंड ज्योति जलाने के नियम- Akhand Jyoti ke Niyam
मंत्र का जाप अवश्य करें– दीपक जलाते समय “करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्, शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते” मंत्र का जाप करें। इससे दीपक की सकारात्मक ऊर्जा और भी प्रबल हो जाती है।
दीपक को सीधे जमीन पर न रखें– अखंड ज्योत को हमेशा अन्न की ढेरी जैसे जौ, चावल या गेहूं पर रखा जाता है। यह समृद्धि और पूर्णता का प्रतीक माना जाता है।
घी और तेल की ज्योत की दिशा– यदि दीपक घी से जलाया जा रहा है, तो उसे पूजा स्थल के दाईं ओर रखें। वहीं, तेल से जलाई गई ज्योत को बाईं ओर रखा जाता है।
घर को अकेला न छोड़ें– ज्योत प्रज्वलित होने के बाद घर को कभी भी खाली न छोड़ें।
टूटा या पुराना दीपक न प्रयोग करें– अखंड ज्योति के लिए हमेशा नया और संपूर्ण दीपक ही इस्तेमाल करें। टूटे हुए या पहले उपयोग किए गए दीपक को अशुभ माना जाता है।
दीपक को अपने आप बुझने दें- नवरात्रि के नौ दिन पूरे होने पर ज्योत को जब तक संभव हो, अपने आप बुझने दें। इसे जानबूझकर बुझाना उचित नहीं माना जाता।
नियमित पूजा करें– दीपक के सामने रोज सुबह और शाम आरती करें। धूप-दीप अर्पित करें और मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें।
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