शारदीय नवरात्रि 22 सितबंर से शुरू हो रहे हैं। नवरात्रि से पहले घटस्थापना की जाती है। इस दौरान पूजा के लिए सामग्री जरूरी है। चलिए इस लेख में आपको बताएं कि मां दूर्गा की पूजा के लिए आपको किन चीजों की आवश्यकता होगी।
नवरात्रि शुरू होने से पहले ही बाजारों में रौनक आ जाती है। सभी भक्तजन मंदिर को सजाने के लिए तमाम चीजें लेते हैं और माता के आगमन की तैयारियों में लग जाते हैं। इस साल शारदीय नवरात्रि का पर्व इस साल 22 सितंबर 2025 से शुरू होकर 2 अक्तूबर को विजयादशमी के साथ संपन्न होगा। नवरात्रि में पहले दिन शुभ मुहूर्त में घटस्थापना कर माता रानी का आह्वान किया जाता है। मान्यता है कि विधिवत पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। यदि आप भी नवरात्रि की तैयारी कर रहे हैं, तो यहां दी गई पूजा सामग्री की सूची आपके काम आ सकती है।
कलश स्थापना के लिए जरूरी सामग्री-
- मिट्टी, तांबे या पीतल का कलश
- स्वच्छ मिट्टी और जौ
- आम या अशोक के पांच पत्ते
- कलश के ऊपर रखने के लिए कटोरी और उसमें भरने के लिए अनाज
- नारियल (लाल कपड़े या चुनरी से लिपटा हुआ)
- कलावा और अक्षत
- गंगाजल और सामान्य जल
- हल्दी, चंदन, रोली और सिंदूर
- सुपारी और सिक्का
नवरात्रि पूजन के लिए सामग्री-
- माता दुर्गा की प्रतिमा या फोटो
- लाल रंग का कपड़ा
- लकड़ी की चौकी
- ताजे फूल और मालाएं
- सोलह श्रृंगार सामग्री
- सिंदूर और अक्षत
- मिठाई, फल और नैवेद्य
- कमलगट्टा, पंचमेवा और बताशे
- लौंग, पान, सुपारी और छोटी इलायची
- दीपक (घी या तेल का), अगरबत्ती और धूप
- नारियल और जायफल
- जावित्री और कुछ पैसे
घटस्थापना कैसे करें-
नवरात्रि के दिन सुबह नहाकर नए कपड़े पहनें। मंदिर की सफाई करके जहां मां दूर्गा की प्रतिमा रखेंगे, वहां लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर चंदन या रोली से स्वास्तिक बनाएं। फिर कलश में जल भरकर उसमें हल्दी, चावल, रोली और सिक्का डालें। कलश के मुंह पर आम या अशोक के पत्ते सजाएं और उसके ऊपर नारियल रखें। इसके बाद मिट्टी से भरे पात्र में जौ बोकर उस पर कलश स्थापित करें। दीपक जलाकर माता रानी का आह्वान करें और पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें। अंत में आरती कर भक्तिपूर्वक नवरात्रि व्रत का संकल्प लें।